नमस्कार दोस्तों, इस लेख में हम चर्चा करने जा रहे हैं भारतीय संगीत (Indian Music) के विभिन्न सामान्य ज्ञान प्रश्न पर यानी (GK Questions on Indian Music), जिसमें पिछले वर्ष पूछे गए प्रश्नों (Previous Year Question on Indian Music) के साथ-साथ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न भी शामिल हैं। दोस्तों, कला एवं संस्कृति अनुभाग (Art and Culture GK) में भारतीय संगीत एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है।
UPSC, SSC, SSC-CGL, SSC-GD, SSC-MTS, IBPS, RRB जैसी किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में भारतीय संगीत से कई प्रश्न पूछे जाते हैं, उनमें महारत हासिल करने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी इसके लिए आपको नियमित रूप से पढ़ाई के साथ-साथ यथासंभव अभ्यास भी करना होगा।
“भारतीय संगीत पर सामान्य ज्ञान प्रश्न“(GK Questions on Indian Music) शीर्षक वाले हमारे इस लेख का उद्देश्य आपको भारतीय संगीत परंपराओं की आकर्षक दुनिया से परिचित कराना है, जो आकर्षक और जानकारीपूर्ण सामान्य ज्ञान प्रश्नों की एक श्रृंखला के माध्यम से एक व्यापक अवलोकन प्रदान करता है।
यह “भारतीय संगीत पर सामान्य ज्ञान प्रश्न” (GK Questions on Indian Music) अनुभाग इस समृद्ध संगीत विरासत के बारे में आपके ज्ञान और सराहना को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। अच्छी तरह से तैयार किए गए प्रश्नों की एक श्रृंखला के माध्यम से, यह लेख भारतीय संगीत के विभिन्न पहलुओं में दिलचस्प अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा।
चाहे आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र हों, संगीत प्रेमी हों, या भारत की सांस्कृतिक समृद्धि की खोज में रुचि रखने वाले व्यक्ति हों, यह लेख भारतीय संगीत के बारे में मूल्यवान संसाधन प्रदान करता है।
भारतीय संगीत के प्रकार (Types of Indian music) : –
भारतीय संगीत देश की सांस्कृतिक विरासत का एक गहरा और अभिन्न अंग है, जो हजारों वर्षों से चली आ रही समृद्ध परंपरा का प्रतीक है। शास्त्रीय से लेकर लोकगीत तक, और भक्ति से लेकर समकालीन तक, भारतीय संगीत शैलियों और शैलियों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है जो राष्ट्र की विविध सांस्कृतिक छवि को प्रतिबिंबित करती हैं।
भारतीय शास्त्रीय संगीत (Classical Music of India) : –
भारत का शास्त्रीय संगीत (The classical music of India), दो प्रमुख परंपराओं में विभाजित है – उत्तर भारत से हिंदुस्तानी (Hindustani) और दक्षिण भारत से कर्नाटक (Carnatic) – देश के संगीत परिदृश्य का आधार बनता है। ये शास्त्रीय रूप अपनी जटिल धुनों (रागों) और लयबद्ध पैटर्न (ताल) के लिए प्रसिद्ध हैं, जिनमें महारत हासिल करने के लिए वर्षों के समर्पित अभ्यास की आवश्यकता होती है।
हिंदुस्तानी संगीत में पंडित रविशंकर और कर्नाटक संगीत में एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों ने वैश्विक संगीत परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ी है, जिससे भारतीय शास्त्रीय संगीत को अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हुई है।
ओडिसी संगीत (Odissi Music) भारत में शास्त्रीय संगीत की एक और शैली है, जिसका इतिहास दो हजार वर्षों से अधिक पुराना है। इसकी उत्पत्ति पूर्वी राज्य ओडिशा से हुई है। यह भगवान जगन्नाथ की सेवा के लिए पारंपरिक अनुष्ठान संगीत है।
भारतीय पारंपरिक संगीत (Traditional Music of India) : –
शास्त्रीय संगीत के अलावा, भारत असंख्य लोक संगीत (Folk Songs of India) परंपराओं का घर है, जिनमें से प्रत्येक का अपना अनूठा स्वाद और सांस्कृतिक महत्व है। भारत में लोक संगीत यहां के लोगों के दैनिक जीवन, खुशियों और दुखों की अभिव्यक्ति है।
असम के बिहू, महाराष्ट्र के लावणी और बंगाल के बाउल गीत जैसे गीत अपने-अपने क्षेत्रों की भावना और सार को समाहित करते हैं। ये जीवंत संगीत रूप अक्सर त्योहारों, शादियों और अन्य सामुदायिक समारोहों के दौरान प्रस्तुत किए जाते हैं, जो भारत की सांप्रदायिक सद्भाव और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हैं।
भारत के अन्य संगीत (Other Music of India) : –
भारत का भक्ति संगीत (Devotional Music of India), जिसमें भजन, कव्वाली और कीर्तन शामिल हैं, यहां के लोगों के आध्यात्मिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये भक्ति गीत केवल संगीत रचनाएँ नहीं हैं बल्कि गहरे धार्मिक और दार्शनिक अर्थों से ओत-प्रोत हैं।
लता मंगेशकर, नुसरत फतेह अली खान और अनूप जलोटा जैसे प्रसिद्ध भक्ति गायकों ने लाखों लोगों के दिल और आत्मा को छूकर इस शैली में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
समकालीन भारतीय संगीत, जिसमें बॉलीवुड संगीत, इंडी पॉप और फ़्यूज़न शामिल हैं, ने भी भारत और विदेशों में काफी लोकप्रियता हासिल की है। विशेष रूप से, बॉलीवुड संगीत अपनी आकर्षक धुनों, विस्तृत कोरियोग्राफी और भावनात्मक गीतों के साथ एक वैश्विक घटना बन गया है।
लता मंगेशकर, किशोर कुमार, ए.आर. रहमान और श्रेया घोषाल जैसे गायक घरेलू नाम बन गए हैं और अपनी सुरीली आवाज से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं।
The major vocal forms or styles of Hindustani classical music : –
हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत से जुड़े प्रमुख गायन रूप या शैलियाँ –
प्रमुख स्वर रूप | प्रसिद्ध प्रतिपादक |
---|---|
ध्रुपद | पंडित गोकुलोत्सवजी महाराज, ऋत्विक सान्याल, निर्मल्या डे, गुंदेचा ब्रदर्स |
ख्याल | उस्ताद अमीर खान, बड़े फ़तेह अली खान, इनायत हुसैन खान, मालिनी राजुरकर |
तराना | निसार हुसैन खान, पंडित रतन मोहन शर्मा |
चैती | गिरिजा देवी |
टप्पा | रामकुमार चट्टोपाध्याय, पंडित. लक्ष्मणराव, विदुषी मीता पंडित, शन्नो खुराना |
ठुमरी | रसूलन बाई, छन्नूलाल मिश्र, गौहर जान, बेगम अख्तर, शोभा गुर्टू, नैना देवी |
ग़ज़ल | गुलाम अली, उस्ताद अमानत अली खान, जगजीत सिंह, हरिहरन, आदित्य श्रीनिवासन, पंकज उधास |
भजन | अनुराधा पौडवाल, अनुप जलोटा, कृष्ण दास, देवा प्रेमल, कृपालु महाराज |
हिंदुस्तानी संगीत गायन घराने (Gharanas of Hindustani classical Music) : –
भारतीय शास्त्रीय संगीत के हिंदुस्तानी संगीत में, एक घराना भारतीय उपमहाद्वीप में सामाजिक संगठन की एक प्रणाली है, जो संगीतकारों या नर्तकियों को वंश या प्रशिक्षुता से जोड़ता है, और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि एक विशेष संगीत शैली का पालन करता है।
घराना शब्द हिंदी शब्द ‘घर’ से आया है और आमतौर पर उस स्थान को संदर्भित करता है जहां संगीत विचारधारा की उत्पत्ति हुई, जो प्राचीन काल में गुरु-शिष्य परंपरा के माध्यम से एक से दूसरे तक पारित होती रही है।
घराना | प्रतिष्ठापक | स्थापना स्थल | अनुमानित दिनांक |
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ग्वालियर घराना | नाथन पीर बख्श, हद्दू खां, नाथू खां | ग्वालियर | 16वीं शताब्दी के मध्य |
आगरा घराना | घग्गे खुदाबख्श | आगरा | 19वीं सदी के मध्य |
दिल्ली घराना | हजरत अमीर खुसरो | दिल्ली | 13 वीं सदी |
किराना घराना | अब्दुल करीम खान, अब्दुल वाहिद खान | उत्तर प्रदेश | 17वीं सदी के अंत में |
शाम चौरसिया घराना | मियाँ चाँद खाँ, मियाँ सूरज खाँ | पंजाब | 16वीं सदी के अंत में |
इंदौर घराना | उस्ताद अमीर खान | इंदौर | 20वीं सदी के मध्य |
भिंडीबाज़ार घराना | छज्जू खान, नजीर खान, खादिम हुसैन खान | मुंबई | 19वीं सदी के अंत में |
पटियाला घराना | बड़े फ़तेह अली खान | पटियाला | 19वीं सदी के अंत में |
रामपुर-सहसवान घराना | इनायत हुसैन खान | उत्तर-उत्तर प्रदेश के शहर रामपुर और सहसवान | 9वीं सदी के मध्य में |
Latest GK Questions on Indian Music : –
1. पंडित रविशंकर किस संगीत वाद्ययंत्र से संबंधित थे?
[A] सितार
[B] बांसुरी
[C] शहनाई
[D] वीणा
[A] सितार
2. पंडित जसराज शास्त्रीय संगीत की किस शैली के प्रसिद्ध गायक थे?
[A] हिंदुस्तानी
[B] ठुमरी
[C] ध्रुपद
[D] कव्वाली
[A] हिंदुस्तानी > पंडित जसराज हिंदुस्तानी शैली के एक भारतीय शास्त्रीय गायक थे। > वह मेवाती घराने से थे।
3. हिंदुस्तानी स्वर संगीत की रचना का सबसे पुराना रूप है?
[A] ग़ज़ल
[B] कव्वाली
[C] ध्रुपद
[D] ठुमरी
[C] ध्रुपद
4. भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान – भारत रत्न से सम्मानित होने वाले पहले संगीतकार कौन थे?
[A] पंडित जसराज
[B] एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी
[C] इलयाराजा
[D] लता मंगेशकर
[B] एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी
5. पंजाबी लोक गायक गुरमीत बावा का उपनाम क्या था?
[A] भारत की कोकिला
[B] हिंदुस्तानी कोयल
[C] लम्बी हेक दी मलिका
[D] गायक कुड़ी
[C] लम्बी हेक दी मलिका
6. निम्नलिखित में से कौन सा प्राचीन ग्रंथ है जो संगीत, नृत्य और कविता सहित सभी प्रकार की कलाओं से संबंधित है?
[A] ऋग्वेद
[B] यजुर्वेद
[C] सामवेद
[D] अथर्ववेद
[C] सामवेद गंधर्व वेद संगीत और नृत्य से संबंधित है। और सामवेद का एक उपवेद है।
7. अखिल भारतीय गंधर्व महाविद्यालय मंडल भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य के प्रचार और प्रसार के लिए एक संस्था है। इसका मुख्य संगीत विद्यालय कहाँ स्थित है?
[A] पुणे
[B] नासिक
[C] जमशेदपुर
[D] नवी मुंबई
[D] नवी मुंबई > अखिल भारतीय गंधर्व महाविद्यालय मंडल के प्रशासनिक कार्यालय मिराज, महाराष्ट्र में हैं। > इसका मुख्य संगीत विद्यालय वाशी, नवी मुंबई में है। > संस्था स्वर संगीत, वाद्य संगीत में प्रशिक्षण और प्रमाणन प्रदान करती है, जिसमें सितार जैसे मधुर वाद्ययंत्रों के साथ-साथ तबला जैसे ताल वाद्ययंत्र भी शामिल हैं > यह संस्था ओडिसी, भरत नाट्यम और कथक जैसे विभिन्न शास्त्रीय नृत्य रूपों का प्रशिक्षण प्रदान करती है।
8. गंधर्व महाविद्यालय की स्थापना किस वर्ष हुई थी?
[A] 1901
[B] 1924
[C] 1931
[D] 1939
[D] 1939 > भारतीय शास्त्रीय संगीतकार और गायक विनय चंद्र मौदगल्य ने 1939 में दिल्ली में गंधर्व महाविद्यालय की स्थापना की। > यह विद्यालय अखिल भारतीय गंधर्व महाविद्यालय मंडल द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम का पालन करता है।
9. संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रदर्शन करने वाले पहले भारतीय संगीतकार कौन थे?
[A] पंडित रविशंकर
[B] एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी
[C] लता मंगेशकर
[D] भीमसेन जोशी
[B] एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी कर्नाटक गायिका एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्तुति देने वाली पहली भारतीय थीं। उन्होंने 1966 में वहां प्रदर्शन किया।
10. मालकौंस, जिसे राग मालकोश के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय शास्त्रीय संगीत के सबसे पुराने रागों में से एक है, हिंदू किंवदंती के अनुसार यह किसके द्वारा बनाया गया माना जाता है?
[A] देवी पार्वती
[B] भगवान शिव
[C] भगवान कृष्ण
[D] भगवान विष्णु
[A] देवी पार्वती > हिंदू मान्यता के अनुसार माना जाता है कि इस राग की रचना देवी पार्वती ने भगवान शिव को शांत करने के लिए की थी, जब वह सती के बलिदान के क्रोध में तांडव के बाद शांत होने से इनकार कर दिया था। > राग मालकोश भारतीय शास्त्रीय संगीत के सबसे पुराने रागों में से एक है। > कर्नाटक संगीत में राग मालकोश के समकक्ष राग को हिंडोलम कहा जाता है।
11. महती, लवंगी, गणपति कर्नाटक संगीत के राग किसके द्वारा रचित हैं?
[A] बिलास खान
[B] एम. बालमुरलीकृष्ण
[C] स्वामी हरिदास
[D] त्यागराज
[B] एम. बालमुरलीकृष्ण
12. निम्नलिखित में से किस संगीतकार ने अमृतवर्षीनी राग की रचना की, जिसके गायन से वर्षा होती है?
[A] मुथुस्वामी दीक्षितार
[B] रविशंकर
[C] रामास्वामी दीक्षितार
[D] श्यामा शास्त्री
[A] मुथुस्वामी दीक्षितार > अमृतवर्षीनी कर्नाटक संगीत का एक राग है, जो उन्नीसवीं सदी की शुरुआत में मुथुस्वामी दीक्षितार द्वारा बनाया गया था। > ऐसी मान्यता है कि अमृतवर्षिणी से बारिश होती है, और कर्नाटक संगीतकार मुथुस्वामी दीक्षित ने अपनी रचना आनंदमृतकर्षिनी अमृतवर्षिनी इस राग में गाकर भारत के तमिलनाडु के शहर एट्टायपुरम में बारिश कराई थी। > मुथुस्वामी दीक्षितार एक दक्षिण भारतीय कवि, गायक और वीणा वादक और भारतीय शास्त्रीय संगीत के संगीतकार थे, जिन्हें कर्नाटक संगीत की संगीतमय त्रिमूर्ति में से एक माना जाता है।
13. निम्नलिखित में से किस कर्नाटक संगीत संगीतकार को गुरुगुहा के नाम से जाना जाता था?
[A] श्यामा शास्त्री
[B] मुथुस्वामी दीक्षितार
[C] एम. एस. सुब्बालक्ष्मी
[D] इलयाराजा
[B] मुथुस्वामी दीक्षितार > दक्षिण भारतीय कवि, गायक और वीणा वादक, और भारतीय शास्त्रीय संगीत के संगीतकार मुथुस्वामी दीक्षित को गुरुगुहा के नाम से जाना जाता था, जो उनकी मुद्रा भी थी और उनके प्रत्येक गीत में पाई जा सकती है।
14. निम्नलिखित में से कौन सा राग संगीत सम्राट तानसेन द्वारा नहीं बनाया गया था?
[A] भीमसेन
[B] गौड़ मल्हार
[C] मियां की मल्हार
[D] मेघ मल्हार
[A] भीमसेन > संगीतकार महेश महादेव ने कर्नाटक संगीत और हिंदुस्तानी संगीत में इस राग की रचना की और इसका नाम 'भारत रत्न' पंडित भीमसेन जोशी (भीम) मिया तानसेन (सेन) के नाम पर रखा गया। > उन्होंने दो हिंदुस्तानी बंदिशों की रचना करके इस राग को भारतीय शास्त्रीय संगीत से परिचित कराया।
15. उस्ताद अमजद अली खान किस संगीत वाद्ययंत्र को बजाने के लिए जाने जाते हैं?
[A] सितार
[B] सरोद
[C] सारंगी
[D] हारमोनियम
[B] सरोद
16. निम्नलिखित में से कौन सा दुनिया में हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का सबसे पुराना त्योहार है?
[A] हरबल्लभ संगीत सम्मेलन
[B] स्वामी हरिदास संगीत सम्मेलन
[C] डोवर लेन संगीत सम्मेलन
[D] तानसेन समारोह
[A] हरबल्लभ संगीत सम्मेलन > हरबल्लभ संगीत सम्मेलन दुनिया में हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का सबसे पुराना त्योहार है। > यह हर साल संगीत के पवित्र स्थान, बाबा हरबल्लभ की समाधि पर मनाया जाता है। > बाबा हरबल्लभ एक संत और हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के प्रतिपादक थे, उन्होंने मुख्य रूप से भक्ति गीत गाए और उन्होंने राग दर्पण का अनुवाद किया और संगीत दप्रण भी लिखा। > पहला सम्मेलन 1875 में जालंधर में सिद्ध पीठ-श्री देवी तालाब में आयोजित किया गया था।
17. “माई म्यूजिक, माई लाइफ” और “राग माला” निम्नलिखित में से किस संगीतकार की दो आत्मकथाएँ हैं?
[A] लता मंगेशकर
[B] रवि शंकर
[C] एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी
[D] जगजीत सिंह
[B] रवि शंकर > "माई म्यूज़िक, माई लाइफ़" रविशंकर की पहली आत्मकथा है, जो 1968 में प्रकाशित हुई थी। > "राग माला" रविशंकर की पहली आत्मकथा है, जो 1997 में प्रकाशित हुई।
18. डोवर लेन संगीत सम्मेलन एक वार्षिक भारतीय शास्त्रीय संगीत समारोह है जो निम्नलिखित में से किस स्थान पर आयोजित किया जाता है?
[A] इंदौर
[B] ग्वालियर
[C] कोलकाता
[D] बनारस
[C] कोलकाता > डोवर लेन संगीत सम्मेलन एक वार्षिक भारतीय शास्त्रीय संगीत समारोह है जो जनवरी के महीने में दक्षिण कोलकाता के एक आउटडोर सभागार नजरूल मंच में आयोजित किया जाता है। > डोवर लेन संगीत सम्मेलन 1952 से आयोजित एक वार्षिक भारतीय शास्त्रीय संगीत समारोह है।
19. लोक गीत “हरदुला की मनौती” का संबंध मध्य प्रदेश के किस क्षेत्र से है?
[A] मालवा
[B] डिंडोरी
[C] उज्जैन
[D] बुन्देलखण्ड
[D] बुन्देलखण्ड
20. निम्नलिखित में से किस संगीतकार को भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पहले स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त 1947) को दिल्ली के लाल किले में शहनाई बजाने के लिए आमंत्रित किया था?
[A] अनंत लाल
[B] एस बलेश
[C] उस्ताद बिस्मिल्लाह खान
[D] अली अहमद हुसैन खान
[C] उस्ताद बिस्मिल्लाह खान > उस्ताद बिस्मिल्लाह खान एक भारतीय संगीतकार थे जिन्हें शहनाई को लोकप्रिय बनाने का श्रेय दिया जाता है।
भारतीय शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खान द्वारा प्राप्त पुरस्कार : –
पुरस्कार | वर्ष |
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भारत रत्न | 2001 |
पद्म विभूषण | 1980 |
पद्म भूषण | 1968 |
पद्म श्री | 1961 |
संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार | 1956 |
केरल सरकार द्वारा स्वाति संगीत पुरस्कार | 1998 |
ईरान गणराज्य से ताहर मौसिक | 1992 |
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा तानसेन पुरस्कार | 1968 |