नमस्कार दोस्तों, इस लेख में आइए जानते हैं भारत के विभिन्न नृत्य रूप अर्थात Dance Forms of India के बारे में। जैसा कि आप जानते हैं कि भारत के नृत्य रूपों जैसे कि लोक नृत्य, पारंपरिक नृत्य का व्यापक ज्ञान प्रतियोगी परीक्षाओं में बहुत आवश्यक है क्योंकि कला और संस्कृति जीके अनुभाग (Art and Culture GK) के तहत भारत के विभिन्न नृत्य रूपों (Different Dance Forms of India), उनकी उत्पत्ति (Their Origins) और उनके प्रसिद्ध प्रतिपादकों (Famous Exponents of Folk Dances of India) जैसे विषय बहुत महत्वपूर्ण हैं।
UPSC, SSC, RAILWAYS, BANKING, CTET आदि सहित सभी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं (Competitive Exams) में भारत के विभिन्न नृत्य रूपों (Various Dance Forms of India) के बारे में कई प्रश्न पूछे जाते हैं इसलिए, भारतीय नृत्य से संबंधित सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी (General Knowledge Question and Answers on Various Dance Forms of India) का ठीक से अध्ययन करें।
“भारत के नृत्य रूपों” (Dance Forms of India) के माध्यम से हमारा उद्देश्य इस शानदार देश को परिभाषित करने वाली कला और संस्कृति के प्रति गहरी सराहना को बढ़ावा देना और प्रेरित करना है। और साथ ही भारत के विभिन्न राज्यों के नृत्य रूपों (Different Dance Forms of India with States) के बारे में अपना ज्ञान बढ़ाना ताकि हम आपकी परीक्षाओं की तैयारी में सहायक हो सकें।
भारत के शास्त्रीय नृत्य रूप (Classical Dance Forms of India) : –
भारत विविध संस्कृतियों, परंपराओं और कलात्मक अभिव्यक्तियों का देश है, जहां सांस्कृतिक विरासत में नृत्य एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। भारतीय नृत्य रूपों की समृद्धि देश के इतिहास, क्षेत्रीय विविधताओं और इसके लोगों की जीवंत भावना को दर्शाती है। “भारत के नृत्य रूप” (Dance Forms of India) शीर्षक वाला यह लेख सदियों से विकसित हुई असंख्य नृत्य परंपराओं की पड़ताल करता है, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अनूठी शैली, महत्व और सांस्कृतिक संदर्भ है।
भारत के 8 शास्त्रीय नृत्य रूप (The 8 Classical Dance Forms of India), जिनमें भरतनाट्यम, कथक, ओडिसी, कुचिपुड़ी, सत्त्रिया नृत्य, मणिपुरी, कथकली और मोहिनीअट्टम शामिल हैं, अपने जटिल आंदोलनों, अभिव्यंजक हावभाव और विस्तृत वेशभूषा के लिए मनाए जाते हैं। ये नृत्य केवल प्रदर्शन नहीं हैं बल्कि भारत की आध्यात्मिक और दार्शनिक परंपराओं में गहराई से निहित हैं। प्रत्येक शास्त्रीय नृत्य शैली एक अलग क्षेत्र से उत्पन्न होती है और उस क्षेत्र के विशिष्ट सांस्कृतिक लोकाचार का प्रतीक है। उदाहरण के लिए, तमिलनाडु का भरतनाट्यम अपनी सटीकता और सुंदरता के लिए जाना जाता है, जबकि उत्तर भारत का कथक अपने तेज़ फ़ुटवर्क और स्पिन के लिए जाना जाता है।
भारत के पारंपरिक नृत्य रूप (Traditional Dance Forms of India) :-
शास्त्रीय नृत्यों के अलावा, भारत में जीवंत लोक नृत्य परंपराओं की भरमार है जो इसके ग्रामीण जीवन और सांप्रदायिक उत्सवों के सार को दर्शाते हैं। पंजाब के भांगड़ा, गुजरात के गरबा और असम के बिहू जैसे नृत्य त्योहारों, फसलों और सामाजिक समारोहों के दौरान किए जाते हैं, जो समुदायों की खुशी और जीवन शक्ति को दर्शाते हैं। ये लोक नृत्य अक्सर पारंपरिक संगीत और वाद्ययंत्रों के साथ होते हैं, जो उत्सव के माहौल को बढ़ाते हैं और भारत की समृद्ध संगीत विरासत का प्रदर्शन करते हैं।
भारत के शास्त्रीय नृत्य रूपों की सूची (List of Classical Dance Forms of India) : –
भारत के शास्त्रीय नृत्य रूप | उत्पत्ति स्थल | प्रसिद्ध प्रतिपादक |
---|---|---|
कथक | उत्तर प्रदेश | बिरजू महाराज, नाहिद सिद्दीकी, लच्छू महाराज, गोपी कृष्ण |
भरतनाट्यम | तमिलनाडु | पं. श्रीमती स्वाति दैथनकर, रुक्मिणी देवी, पद्मा सुब्रह्मण्यम, वैजयंतीमाला, शीमा करमानी, |
कथकली | केरल | कलामंडलम कृष्णन नायर |
कुचिपुड़ी | आंध्र प्रदेश | मल्लिका साराभाई, वी. सत्यनारायण सरमा, दीपा शशिंद्रन |
मणिपुरी | मणिपुर | अमला शंकर, गुरु बिपिन सिंह, दर्शन झावेरी, देवजानी चालिहा |
मोहिनीअट्टम | केरल | कलामंडलम कल्याणिकुट्टी अम्मा, सुनंदा नायर, कलामंडलम राधिका, कलामंडलम ह्यमावती |
सत्त्रिया | असम | इंदिरा पी. पी. बोरा, घनकांता बोरा, सरोदी सैकिया |
ओडिसी | ओडिशा | सुजाता महापात्र, शोभना सहजनान, माधवी मुद्गल, सुरेंद्र नाथ जेना, केलुचरण महापात्र, मिनती मिश्रा |
भारत के नृत्य रूपों की राज्यवार सूची (Different Dance Forms of India with States) : –
राज्य | नृत्य रूप |
---|---|
आंध्र प्रदेश | विलासिनी नाट्यम, आंध्र नाट्यम, भमाकल्पम्, बुर्राकाठा, वीरनाट्यम, बुट्टा बोम्मलु, थोलू बोम्मालता, दप्पू, टप्पेटा गुल्लू, लम्बाडी, धीम्सा, कोलातम |
अरुणाचल प्रदेश | अजी लामू, चलो, शेर और मोर नृत्य, पासी कोंगकी, पोपिर, बुइया, वांचो, बारदो छम |
असम | बिहू, बागुरुम्बा, भोरताल नृत्य, बैदिमा, गोलिनी, झुमुर, बोहुआ नृत्य, ओजापाली, देवधानी |
बिहार | बिदेसिया, डोमकच, जट-जटिन, झिझिया, लवंडा नाच, फगुआ |
छत्तीसगढ | गौर मारिया, पंथी, राऊत नाचा, गोंडी, करमा, झूमर, पंडवानी, वेदमती, कापालिक, चंदैनी |
गुजरात | डांडिया रास, भवई, गरबा, टिपपनी जुरीऊं |
गोवा | फुगड़ी, समयी नृत्य, धालो, कुनबी, धनगर, मांडी, झागोर, खोल, दकनी, तरंगमेल |
हरयाणा | झूमर, फाग नृत्य, घूमर, डाफ, धमाल, लूर, गुग्गा, खोर, गगोर |
हिमाचल प्रदेश | किन्नौरी, ठोडा, झोड़ा, झाली, छरही, धामण, छपेली, महासू, डांगी, झैंता, छड़ी नृत्य |
जम्मू और कश्मीर | डोगरी भांगड़ा, कुड नृत्य, डुम्हाल, छज्जा नृत्य, क्रो डांस |
झारखंड | झूमर, जननी झूमर, मर्दाना झूमर, पाइका, फगुआ, फिरकाल, सरहुल, डांगा, डोमकच, घोड़ा नाच |
कर्नाटक | यक्षगान, हुत्तारी, सुग्गी, कुनिथा, करगा, लांबी, डोल्लू कुनिथा |
केरल | ओट्टम थुलाल, कैकोट्टिकली, तप्प्तिकली, काली औत्तम, पडायनी, डफमुट्टू, थितंबु नृथम, थेय्यम |
महाराष्ट्र | लावनी, पावरी नाच, लेज़िम, गफ़ा, दहीकला दशावतार या बोहड़ा, तमाशा, मौनी, पोवारा, गौरीचा |
मध्य प्रदेश | तरताली, मटकी नृत्य, गौर मारिया, अहिराई, भदाम, खड़ा नाच, फूलपति नृत्य, ग्रिडा नृत्य, सेलाभदोनी, जवारा |
मणिपुर | थांग ता, लाई हराओबा, पुंग चोलोम, राखल, नट रैश, महा रैश, रौखत, डोल चोलम, खंबा थाइबी, नुपा डांस, रासलीला |
मेघालय | लाहो, बाला, का शाद सुक माइन्सिएम, नोंगक्रेम |
मिजोरम | चेराव नृत्य, खुआल्लम, चैलम, सावलकिन, सोलकिया, तलांग्लम, खानतम, पखुपिला, चेरोकन |
नागालैंड | चोंग, खैवा, लिम, नूरालिम, चांग लो / सुआ लुआ, बांस नृत्य, रंगमा, ज़ेलियांग, गेथिंगलिम |
ओडिशा | घुमरा, रणप्पा, कर्मा नृत्य, सावरी, पैंका, मुनारी, छाऊ, चाड्या दंडनता, लौड़ी खेला, बाघा नाचा, कैसाबादी, झूमर |
पंजाब | भांगड़ा, गिद्धा, डफ, किक्कली, धमन, भांड, नक़ल |
राजस्थान | घूमर, सुइसिनी, कालबेलिया, चकरी, गणगोर, झूलन लीला, झूमा, सुइसिनी, घपाल, पनिहारी, कच्छी घोड़ी नृत्य |
सिक्किम | चू फाट, मारुनी नृत्य, याक चाम सिकमारी, सिंघी चाम, याक चाम, खुकुरी नाच, चुटकी नाच |
तमिलनाडु | करागम, कुमी, कोलट्टम, कवाडी, दप्पनकुथु, पराई अट्टम, मयिलाट्टम, कराकाट्टम, ओयिलट्टम, पुलियाट्टम, थेरु कुथु, बोम्मालट्टम |
त्रिपुरा | होजागिरी, संग्रिंग नृत्य |
उत्तर प्रदेश | नौटंकी, रासलीला, छपेली, जैता, कजरी, झोड़ा |
उत्तराखंड | कुमायुनी, चैपेली, कजरी, गढ़वाली, झोड़ा, रासलीला |
पश्चिम बंगाल | पुरुलिया छाऊ, गंभीर, धुनुची नृत्य, जात्रा, डोमनी, कीर्तन, संथाली नृत्य, मुंडारी नृत्य, गजन, चैबारी नृत्य |
तेलंगाना | पेरिनी शिवतांडवम, कैसाबादी |
पुदुचेरी | गराडी |
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भारतीय शास्त्रीय और लोक नृत्य प्रश्नोत्तरी (GK Questions related to Classical and Folk Dances of India) : –
1. निम्नलिखित में से किस भारतीय नृत्य शैली में लोक संगीत के साथ मार्शल आर्ट, कलाबाजी और एथलेटिक्स की झलक देखी जा सकती है?
[A] राऊत नाचा
[B] छऊ नृत्य
[C] भरतनाट्यम
[D] सत्त्रिया नृत्य
[B] छऊ नृत्य छाऊ, जिसे छौ नृत्य के नाम से भी जाना जाता है, एक अर्ध शास्त्रीय भारतीय नृत्य है जो मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा में में प्रदर्शन किया जाता है। यह नृत्य तीन शैलियों में किया जाता है, जिनका नाम उस स्थान के नाम पर रखा गया है, जहां उनका प्रदर्शन किया जाता है, यानी पश्चिम बंगाल का पुरुलिया छाऊ, झारखंड का सरायकेला छाऊ और ओडिशा का मयूरभंज छाऊ। छऊ नृत्य मूल रूप से भूमिज, मुंडा, कुम्हार, कुड़मी महतो, डोम, तेली, पटनायक, दरोगा, मोहंती, आचार्य, दुबे और साहू आदि समुदायों के लोगों द्वारा किया जाता है। सुधेन्द्र नारायण सिंह देव, केदारनाथ साहू, मकरध्वज दरोगा, गंभीर सिंह मुड़ा, शशधर आचार्य, इलियाना सीतारिस्ती आदि छऊ नृत्य की कुछ उल्लेखनीय हस्तियाँ हैं।
2. डुम्हाल कहाँ का लोक नृत्य है?
[A] गोवा
[B] छत्तीसगढ
[C] त्रिपुरा
[D] जम्मू एण्ड कश्मीर
[D] जम्मू एण्ड कश्मीर दमहल भारतीय क्षेत्र जम्मू और कश्मीर में वाटल जनजाति के पुरुषों द्वारा किया जाने वाला एक नृत्य है। नर्तक लंबे, रंगीन वस्त्र और मोतियों और सीपियों से जड़ी लंबी, शंक्वाकार टोपी पहनते हैं। वे एक जुलूस में एक बैनर लेकर चलते हैं और बैनर के चारों ओर एक घेरा बनाकर नृत्य करते हैं। बैनर गाड़ दिया जाता है।
3. निम्नलिखित में से कौन सा छत्तीसगढ़ राज्य का प्रसिद्ध लोक नृत्य है?
[A] मंदजास
[B] जटा-जटिन
[C] राऊत नाचा
[D] बगुरुम्बा
[C] राऊत नाचा पारंपरिक नृत्य राऊत नाचा भारतीय राज्य छत्तीसगढ़ के राऊत जाति के लोगों द्वारा किया जाने वाला नृत्य है जो हिंदू पंचांग के अनुसार 'देव उधनी एकादशी' के समय किया जाता है।
4. पंडित लच्छू महाराज भारत की निम्नलिखित में से किस नृत्य शैली से संबंधित थे?
[A] कथक नृत्य
[B] मणिपुरी
[C] ओडिसी
[D] मोहिनीअट्टम
[A] कथक नृत्य पंडित बैजनाथ प्रसाद जो पंडित लच्छू महाराज के नाम से प्रसिद्ध थे, एक भारतीय शास्त्रीय नर्तक और कथक नृत्य के कोरियोग्राफर थे। 1957 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
5. निम्नलिखित में से कौन सा तमिलनाडु का राज्य नृत्य रूप ( State Dance Form) है?
[A] भरतनाट्यम
[B] कुचीपुड़ी
[C] पराई अट्टम
[D] यक्षगान
[A] भरतनाट्यम भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैली भरतनाट्यम की उत्पत्ति भारत के तमिलनाडु में हुई थी।
6. नृत्य विरोधी आंदोलन के दौरान किस भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैली पर प्रतिबंध लगा दिया गया था?
[A] ओडिसी
[B] भरतनाट्यम
[C] कथ्थक
[D] मणिपुरी
[B] भरतनाट्यम अंग्रेजों ने शास्त्रीय भारतीय नृत्य शैलियों का उपहास किया और उन्हें हतोत्साहित किया और ईसाई मिशनरियों ने 1892 में "नृत्य विरोधी आंदोलन" शुरू करके इसे रोकने की मांग की। और 1910 में, ब्रिटिश साम्राज्य ने मंदिर नृत्य और इसके साथ ही हिंदू मंदिरों में शास्त्रीय नृत्य परंपरा पर प्रतिबंध लगा दिया।
7. लखनऊ घराना, रायगढ़ घराना, जयपुर घराना, बनारस घराना किस भारतीय शास्त्रीय नृत्य से संबंधित हैं?
[A] कथ्थक
[B] भरतनाट्यम
[C] ओडिसी
[D] कथकली
[A] कथ्थक संस्थापक :- ईश्वरी प्रसाद - लखनऊ घराना राजा चक्रधर सिंह - रायगढ़ घराना भानुजी महाराज - जयपुर घराना जानकी प्रसाद - बनारस घराना
8. डोल्लू कुनिथा किस भारतीय राज्य का लोक नृत्य है?
[A] राजस्थान
[B] ओडिशा
[C] कर्नाटक
[D] हिमाचल प्रदेश
[C] कर्नाटक डोल्लू कुनिथा कर्नाटक का एक प्रमुख लोकप्रिय ड्रम नृत्य है।
9. संगीत नाटक अकादमी ने सत्त्रिया नृत्य को भारत के आधिकारिक शास्त्रीय नृत्य के रूप में कब मान्यता दी?
[A] 1998
[B] 1999
[C] 2000
[D] 2001
[C] 2000 15 नवंबर 2000 को, भारत की संगीत नाटक अकादमी ने सत्रिया को भारत के आठ शास्त्रीय नृत्यों में से एक के रूप में मान्यता दी।
10. निम्नलिखित में से कौन सा भारतीय नृत्य रूप अच्छाई और बुराई के बीच नित्य लड़ाई का प्रतीक है?
[A] कथकली
[B] मणिपुरी
[C] बिहु
[D] कथ्थक
[A] कथकली कथकली शास्त्रीय भारतीय नृत्य का एक पारंपरिक रूप है, और केरल के मलयालम भाषी दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र का उद्भूत है और लगभग पूरी तरह से मलयाली लोगों द्वारा अभ्यास किया जाता है।
11. फूलपति नृत्य किस भारतीय राज्य का अत्यंत लोकप्रिय लोक नृत्य है?
[A] ओडिशा
[B] मध्य प्रदेश
[C] झारखंड
[D] महाराष्ट्र
[B] मध्य प्रदेश फूलपति नृत्य मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में किया जाता है। यह नृत्य अविवाहित लड़कियों द्वारा होली के अवसर पर किया जाता है।
12. बागुरुम्बा भारत के किस राज्य में स्वदेशी बोरो लोगों द्वारा किया जाने वाला एक पारंपरिक नृत्य है?
[A] असम
[B] मेघालय
[C] महाराष्ट्र
[D] त्रिपुरा
[A] असम बागुरुम्बा असम राज्य में रहने वाले बोरो लोगों का एक पारंपरिक नृत्य है। इसे ''तितली नृत्य'' भी कहा जाता है। इस अवसर पर केवल बोडो महिलाएं ही नृत्य करती हैं।
13. मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र का सामुदायिक नृत्य है?
[A] मटकी नृत्य
[B] फुगड़ी
[C] डम्हाल
[D] डफमुट्टू
[A] मटकी नृत्य मटकी नृत्य मालवा क्षेत्र में किया जाता है, जिसमें एक महिला अपने सिर पर मिट्टी का बर्तन (मटकी) रखकर नृत्य करती है।
14. होजागिरी किस भारतीय राज्य का लोक नृत्य है?
[A] असम
[B] त्रिपुरा
[C] पश्चिम बंगाल
[D] पंजाब
[B] त्रिपुरा होजागिरी त्रिपुरा राज्य का एक प्रसिद्ध नृत्य है। इस नृत्य शैली में चार से आठ महिलाएँ कलाबाज़ी से नृत्य करती हैं, जबकि पुरुष अधिकांश संगीत प्रस्तुत करते हैं।
15. किस भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैली को मूल रूप से सादिर अट्टम कहा जाता था?
[A] मयिलाट्टम
[B] कुचीपुड़ी
[C] कथकली
[D] भरतनाट्यम
[D] भरतनाट्यम सादिराट्टम, जिसे परथैयार अट्टम या थेवरट्टम के नाम से भी जाना जाता है, नृत्य शैली को सम्मान देने के लिए 1932 में इसका नाम बदलकर भरतनाट्यम कर दिया गया। भारतीय वकील, स्वतंत्रता सेनानी और शास्त्रीय नर्तक ई कृष्णा अय्यर और भरतनाट्यम नृत्यांगना रुक्मिणी देवी अरुंडेल ने संशोधन और नाम बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
16. इंदिरा पी. पी. बोरा भारत के निम्नलिखित में से किस नृत्य शैली से सम्बंधित हैं?
[A] सत्रिया नृत्य
[B] भांगड़ा
[C] कालबेलिया
[D] डांडिया रास
[A] सत्रिया नृत्य इंदिरा पी. पी. बोरा असम की एक सत्रिया नर्तकी हैं, उन्होंने भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी में भी प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
17. निम्नलिखित में से कौन सा भारतीय शास्त्रीय नृत्य सबसे पुराना है?
[A] कथकली
[B] सत्त्रिया नृत्य
[C] भरतनाट्यम
[D] मोहिनीअट्टम
[C] भरतनाट्यम भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैली, भरतनाट्यम जिसकी उत्पत्ति तमिलनाडु में हुई, सबसे पुरानी नृत्य शैली है। सादिर अट्टम, परथैयार अट्टम या देवराट्टम इसका मूल नाम था।
18. निम्नलिखित में से कौन सा लोक नृत्य महाराष्ट्र का है?
[A] नाती
[B] बिदेसिया
[C] लूर नृत्य
[D] लावणी नृत्य
[D] लावणी नृत्य नाती -------> हिमाचल प्रदेश बिदेसिया -------> बिहार लूर नृत्य -------> हरियाणा
19. गुरु बिपिन सिंह किस भारतीय नृत्य शैली से सम्बंधित थे?
[A] मणिपुरी
[B] मोहिनीअट्टम
[C] ओडिसी
[D] कथ्थक
[A] मणिपुरी गुरु बिपिन सिंह मणिपुरी नृत्य के निर्देशक, कोरियोग्राफर और शिक्षक थे। उन्होंने इंफाल में महिलाओं के लिए गोविंदजी नर्तनालय नृत्य विद्यालय और 1972 में कलकत्ता में मणिपुरी नर्तनालय नृत्य विद्यालय की स्थापना की।
20. निम्नलिखित में से कौन प्रसिद्ध भरतनाट्यम नर्तक है?
[A] नाहिद सिद्दीकी
[B] पद्मा सुब्रमण्यम
[C] इंदिरा पी. पी. बोरा
[D] माधवी मुद्गल
[B] पद्मा सुब्रमण्यम नाहिद सिद्दीकी ----> कथ्थक इंदिरा पी. पी. बोरा -----> सत्त्रिया नृत्य माधवी मुद्गल ----> ओडिसी
21. नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर ने किस भारतीय शास्त्रीय नृत्य को शांतिनिकेतन में प्रस्तुत करके पुनर्जीवित किया था?
[A] मणिपुरी नृत्य
[B] ओडिसी नृत्य
[C] कथक नृत्य
[D] सत्रिया नृत्य
[A] मणिपुरी नृत्य 1919 में, रवीन्द्रनाथ टैगोर सिलहट (अब बांग्लादेश) में शास्त्रीय मणिपुरी रास लीला नृत्य की एक नृत्य रचना देखकर प्रभावित हुए। उन्होंने गुरु बुद्धिमंत्र सिंह और अन्य प्रसिद्ध गुरु, जिन्होंने मणिपुरी रास लीला नृत्य में प्रशिक्षण लिया था, रास लीला सिखाने और टैगोर को उनके कई नृत्य-नाटकों की कोरियोग्राफी में सहायता करने के लिए शांतिनिकेतन में संकाय के रूप में आमंत्रित किया।
22. पुंग चोलोम एक पारंपरिक नृत्य शैली है जिसकी उत्पत्ति किस भारतीय राज्य से हुई है?
[A] मणिपुर
[B] नागालैंड
[C] झारखंड
[D] छत्तीसगढ
[A] मणिपुर पुंग चोलोम जिसका अर्थ मैतेई में ड्रम की गर्जना है, मणिपुर से उत्पन्न एक पारंपरिक मैतेई नृत्य शैली है, जो मणिपुरी संकीर्तन संगीत और मणिपुरी शास्त्रीय नृत्य की आत्मा है। पुंग चोलोम मणिपुर का एक अनोखा शास्त्रीय नृत्य है।
23. नृत्य विद्यालय कलाश्रम की स्थापना किसने की?
[A] पंडित लच्छू महाराज
[B] पंडित शंभू महाराज
[C] पंडित बिरजू महाराज
[D] अच्छन महाराज
[C] पंडित बिरजू महाराज पंडित बिरजू महाराज एक भारतीय नर्तक, संगीतकार, गायक और भारत में कथक नृत्य के प्रतिपादक थे, उन्होंने 1998 में दिल्ली में अपना स्वयं का नृत्य विद्यालय, कलाश्रम खोला। वह भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण के भी प्राप्तकर्ता थे, जो उन्हें 1986 में मिला था।
24. वेम्पति चिन्ना सत्यम किस भारतीय नृत्य शैली के गुरु थे?
[A] कुचिपुड़ी नृत्य शैली
[B] भरतनाट्यम नृत्य शैली
[C] कथकली नृत्य शैली
[D] मोहिनीअट्टम नृत्य शैली
[A] कुचिपुड़ी नृत्य शैली वेम्पति चिन्ना सत्यम कुचिपुड़ी नृत्य शैली के गुरु थे। उन्होंने 1963 में मद्रास में कुचिपुड़ी कला अकादमी शुरू की। उन्होंने अपना पहला नृत्य नाटक श्री कृष्ण पारिजातम की रचना की। 1998 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
25. बरगीत नामक संगीत रचना किस भारतीय शास्त्रीय नृत्य के साथ प्रस्तुत की जाती है?
[A] भरतनाट्यम
[B] सत्त्रिया नृत्य
[C] कथ्थक
[D] ओडिसी
[B] सत्त्रिया नृत्य बोरगीत, गीतात्मक गीतों का एक संग्रह है जो विशिष्ट रागों पर आधारित हैं, जिनकी रचना 15वीं-16वीं शताब्दी में श्रीमंत शंकरदेव और माधवदेव ने की थी, जिनका उपयोग मठों में प्रार्थना सेवाएं शुरू करने के लिए किया जाता है।
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